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http://www.livehindustan.com/news/national/article1-good-news-for-upsc-aspirants-upper-age-limit-will-not-reduce--581668.html
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुटे नौजवानों को केंद्र सरकार ने दीवाली का तोहफा देने का फैसला किया है। सरकार ने परीक्षा में बैठने के लिए ऊपरी आयु सीमा को घटाने का फैसला टाल दिया है। इससे पहले की भांति अगले साल की परीक्षा में भी ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को बैठने का मौका मिलेगा। पहले यह संभावना थी कि ऊपरी आयु सीमा को 32 से घटाकर 26 कर दिया जाएगा। लेकिन केंद्र ने साफ किया है कि अगली परीक्षा पुराने मौजूदा नियमों के अनुसार ही होगी।
कार्मिक मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सिविल सेवा परीक्षा में सुधार के लिए हालांकि पूर्व सचिव बी. एस. बासवान समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में उसने उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा 32 से घटाकर 26 करने की सिफारिश की गई थी।
लेकिन मंत्रालय ने फिलहाल इस सिफारिश को होल्ड पर रखने का फैसला किया है। कार्मिक मंत्रालय के सचिव बी. पी. शर्मा ने हिन्दुस्तान से कहा कि 2017 में होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में ऊपरी आयु सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया अगले दो महीनों के भीतर शुरू होने की संभावना है। केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है।
चुनाव अहम वजह-दरअसल, यूपीए सरकार में सिविल सेवा में परीक्षा में बैठने के लिए ऊपरी आयु 32 साल की गई थी। पिछले साल बनी बासवान समिति ने अपनी रिपोर्ट अगस्त में दी है। लेकिन सरकार उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में चुनावों के मद्दनेजर नौजवान मतदाता वर्ग की नाराजगी मोल लेना नहीं चाहती है। इसलिए सरकार इस मामले में कोई जल्दबाजरी करने के पक्ष में नहीं है। बता दें कि इलाहाबाद सिविल सेवा की तैयारी में जुटे नौजवानों का खास केंद्र है।
थर्टी प्लस की सफलता दर-कार्मिक मंत्रालय के आंतरिक अध्ययन बताते हैं कि 2012-13 के दौरान सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाले 30 प्लस उम्मीदवारों का प्रतिशत 11 प्रतिशत तक रहा है। इसलिए इस प्रतिशत को नकारा नहीं जा सकता है।
सरकार की रणनीति-कार्मिक मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि चूंकि बासवान समिति की रिपोर्ट अभी आई है और इसमें सिर्फ आयु का मुद्दा नहीं है बल्कि कई मामले हैं। इसलिए उन पर गहन अध्ययन करने के बाद फैसले लिए जाएंगे। जिसमें अभी समय लगेगा। इसलिए इस बार परीक्षा के नियम नहीं बदलेंगे।
क्या है मौजूदा व्यवस्था-
सिविल सेवा में बैठने के लिए न्यूनतम आयु 21 साल है। जबकि सामान्य उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा 32 साल, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 35 साल, अजा/जजा के लिए 37 साल तथा दिव्यांगों के लिए 42 साल है। लेकिन इसमें शर्त यह है कि सामान्य उम्मीदवार को अधिकतम छह मौके, ओबीसी को नौ मौके मिलेंगे। अजा/जजा के लिए मौकों की सीमा नहीं है। जबकि दिव्यांग उम्मीदवार यदि सामान्य या ओबीसी है तो नौ मौके तथा अजा-जजा के लिए इसकी कोई सीमा नहीं है।
सिविल सेवा परीक्षा-
आयु सीमा का दायरा व्यापक होने के कारण करीब 11 लाख सिविल सेवा प्राथमिक परीक्षा में बैठते हैं। जिसमें सफलता की दर 0.1 फीसदी है। मेन परीक्षा में करीब 40-45 हजार उम्मीदवार पहंचते हैं जबकि इंटरव्यू के बाद चयन करीब एक हजार उम्मीदवारों का होता है। सेवाएं-आईएएस, आईपीएस समेत कुल 24 सेवाओं के लिए यह परीक्षा होती है। इसमें 19 सेवाएं समूह ए तथा पांच सेवाएं समूह बी की हैं।
कब कितनी रही अधिकतम आयु
1960 24
1980 28
1991 31
1992 28
1993 33
1994 28
2000 30
2013 32