किसी भी महत्वपूर्ण कार्य की तरह सिविल सेवा में भी सफलता की प्राप्ति इस बात पर निर्भर करती है कि सफलता प्राप्ति के लिये किस प्रकार की रणनीति बनाई गई है। एक अच्छी रणनीति अच्छे प्रारम्भ का द्योतक है तथा कहा भी गया है कि अचूक रणनीति के निर्माण एवं गंभीरतापूर्वक उसके अनुपालन द्वारा सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाने की सम्भावना पर्याप्त रूप से बढ़ जाती है। सिविल सेवा परीक्षा मे भारतीय राजनीतिक व्यवस्था टॉपिक का दायरा पहले के आपेक्षा व्यापक हो गया है। इस आलेख में भारतीय राजनीति एवं शासन टॉपिक को पढ़नें संबंधी बेहतर रणनीति बताने का प्रयास करेगा। आशा है इसके द्वारा छात्रों की सहायता क़ी जा सकेंगीं। बदले हुए पाठ्यक्रम में भारतीय राजनीति एवं शासन विशेष अध्ययन की माँग करता है। अभ्यर्थी को देश के संघीय ढाँचे का अच्छे से अध्ययन करना चाहिए। संविधान विशिष्ट स्थितियों की जानकारी होनी चाहिए, जिनके अंतर्गत सरकार काम करती है।
छात्रों को ऐसे राजनीतिक ढाँचे को अपनाने के पीछे के दर्शन और पृष्ठभूमि की जानकारी होनी चाहिए। साथ ही संविधान के विभिन्न उपबंधों का अध्ययन करना चाहिए। पिछले कुछ सालों मे परीक्षा में पूछे जा रहें प्रश्नों मे बद्लाव आया है। छात्रों को ज्ञान के विस्तार के साथ टॉपिक की समझ बनानी चाहिए। छात्रों को राजनीतिक परिदृश्य और संसद में लंबित विधेयकों पर लागातार निगाह रखनी चाहिए। जिससे देश के राजनीतिक व्यवस्था के विषय मे बेहतर जानकारी हो सके। छात्रों को भारत के संविधान से मौलिक आधिकार ,मूल कर्तव्य ,राष्ट्रपति ,कार्यपालिका ,न्यायपालिका ,संसद ,आपात उपबंध आदि टॉपिक का बेहतर ढंग से अध्ययन करना चाहिए। संसद में लंबित विधेयकों तथा पास किये गये कुछ महत्वपूर्ण अधिनियमों को शामिल किया गया है जो देश की राजनीतिक व्यवस्था का महत्वपूर्ण आधार तय करते हैं। अतः छात्रों को ऐसे महत्वपूर्ण अधिनियमों के बारे मे जानकारी हासिल करना चाहिए।
जरूरी किताबें-
– को डी.डी. बसु द्वारा लिखित ‘भारत का संविधान’
– एम. लक्ष्मीकांत द्वारा लिखित ‘भारत की राजव्यवस्था’
– सुभाष कश्यप द्वारा लिखित ‘हमारी संसद’ और ‘हमारा संविधान’
– एक बेयर एक्ट हमेशा साथ रखें
प्रारंभिक परीक्षा के लिहाज से सबसे कारगर किताब अगर कोई है तो वो है एम लक्ष्मीकान्त की किताब। यह किताब सिलेबस से जुड़े लगभग सभी विषयों को कवर करती है। इसे बहुत अच्छी तरह से लिखा गया है औऱ इसमें दिए गए पाठ छोटे और कारगर हैं। इसके साथ ही इसमें अभ्यास पत्र भी दिए गए हैं। इस किताब की भाषा बहुत सहज होते हुए भी तथ्यात्मक है।
आपको भारतीय संविधान के सभी अनुच्छेदों को रटने की ज़रूरत नहीं है। सबसे पहले तो सिर्फ कुछ ही महत्वपूर्ण अनुच्छेद ही ज़रूरी हैं। दूसरी बात ये की अगर आपने बुनियादी चीजों को समझते हुए पर्याप्त बार पढ़ा है तो ज़रूरी अनुच्छेद आपको खुद ही अंगुलियों पर याद रहेंगे।
शुरुआत उन विषयों से करें, जिनमें आपकी रुचि हो। आपको किसी क्रमवार तरीके से शुरुआत करने की ज़रूरत नहीं है। उदाहरण के लिए, यदि आपको मूलभूत अधिकारों और जिम्मेदारियों के विषय में पढ़ने में रूचि है तो आप उसी से शुरू करिए, बजाय इसके की आप संविधान की निर्माण प्रक्रिया को पढ़ें। हालांकि, जैसे जैसे आप अपने अध्ययन में आगे बढ़ेंगे, आप पाएंगे कि ऐसे कुछ विषय हैं, जिन्हें एक साथ पढ़ना ही बेहतर है। उदाहरण के लिए, केंद्र और उसकी कार्यशैली को पढ़ने के बाद, आपके लिए राज्यों और उनकी कार्यशैली को पढ़ना अच्छा रहेगा। इस तरह से अध्ययन करते हुए आप अपने लिए बहुत सा समय बचा पाएंगे। अगर हरेक भाग में ऐसा संभव ना भी हो तो ज़्यादातर हिस्सों को इसी तरह से पढ़ने का प्रयास करें और आप पाएंगे की आप काफी समय बचा रहे हैं।
कभी भी किसी किताब को पहली ही बार पढ़ लेने पर हर चीज़ को याद कर लेने की चिंता न करें। इस बात को सुनिश्चित करें कि आपने जो कुछ भी पढ़ा है, उसे आप भली भांति समझ रहे हैं। दूसरी बार पढ़ने पर नोट्स बनाना शुरू करें। सुनिश्चित कर लें कि परीक्षा देने से पहले आप किताबों को कई बार पढ़ चुके हों। हर बार पढ़ने पर आपको पिछली बार से कम समय लगना चाहिए।
सिविल सर्विसेज़ में पूछे जाने वाले सवाल स्थायी और बदलते रहने वाले दोनों ही तरह के मुद्दों पर पूछे जाते हैं। ये दोनों ही प्रश्न पहले हुई घटनाओं या मौजूदा बहस से जुड़े विषयों पर पूछे जा सकते हैं। नई घटनाओं, जैसे कोई नया बिल, कानून या नीति के विषय में आपको हमेशा अवगत रहना चाहिए और उनसे संबन्धित मुद्दों को आप अपनी किताबों की सहायता से समझ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर, सर्वोत्तम न्यायालय ने अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता से संबन्धित कोई फैसला सुनाया है, जो मील का पत्थर साबित हो सकता है, तो ऐसे में आपको अपने आप ही समझ आ जाना चाहिए कि आपको तुरंत मूलभूत अधिकारों से जुड़े पाठों को संबन्धित किताबों में देखना है|
तैयारी के दौरान हमेशा उचित अध्ययन सामग्री का अध्ययन करना चाहिए। क्योंकि ऐसे अध्ययन सामग्री को पढ़ना जिनकी परीक्षा के लिए कोई उपयोगिता नहीं है, उससे समय और ऊर्जा दोनों नष्ट होंगे। तय समय में प्रश्नों का उत्तर देने के लिए ज्यादा से ज्यादा हर टॉपिक से जुड़े प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिय। अभ्यास के द्वारा छात्र अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं। समसामयिक मुद्दो की जानकारी इस परीक्षा में सफलता के लिए आवश्यक है, इसलिए छात्रों को अपने दिनचर्या में समाचार पत्र को पढ़ने की आदत को विकसित करना चाहिए।
जब आपने पाठ्यक्रम से जुड़े सभी विषय पूरे कर लिए हों, तब पिछले वर्षों में पूछे गए हर पाठ से संबन्धित प्रश्नपत्रों को हल करें। सवालों के पूछे जाने की पद्धति को बहुत ध्यान से देखें। सवाल बहुत कठिन लग सकते हैं लेकिन वो सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए होते हैं। ‘नहीं’ जैसे शब्दों को पढ़ना कभी भी न भूलें।
उदाहरण के लिए, किसी सवाल में, जब आपसे उन चीजों का चयन करने को कहा जाता है जो भारत की नीति-निर्धारण का हिस्सा नहीं है, ऐसे में ध्यान न देने पर मुमकिन है कि आप उन चीजों का चयन कर दें, जो नीति-निर्धारण का हिस्सा हैं। सुनिश्चित करें कि आप परीक्षा से पहले जितना हो सके, उतने प्रश्नपत्र हल करें। ये आपकी याद्दाश्त को बेहतर करते हैं और टाली जा सकने वाली गलतियां करने से बचाते हैं।
इंडियन पॉलिटी स्कोर करने के लिहाज़ से एक महत्वपूर्ण और पढ़ने के लिहाज़ से एक रोचक विषय है| अगर आपकी तैयारी अच्छी है, तो मुमकिन है कि आप इसमें 100% स्कोर करें।
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